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GHAZAL

मुझको दरवाजे पर ही रोक लिया जाता है

मुझको दरवाजे पर ही रोक लिया जाता है

मेरे आने से भला आप का क्या जाता है

तुम अगर जाने लगे हो तो पलट कर मत देखो

मौत लिखकर तो कलम तोड़ दिया जाता है

तुझको बतलाता मगर शर्म बहुत आती है

तेरी तस्वीर से जो काम लिया जाता है

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मुझको दरवाजे पर ही रोक लिया जाता है — Tehzeeb Hafi • ShayariPage