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GHAZAL

मुझ से मिलता है पर जिस्म की सरहद पार नहीं करता

मुझ से मिलता है पर जिस्म की सरहद पार नहीं करता

इसका मतलब तू भी मुझसे सच्चा प्यार नहीं करता

दुश्मन अच्छा हो तो जंग में दिल को ठारस रहती है

दुश्मन अच्छा हो तो वो पीछे से वार नहीं करता

रोज तुझे टूटे दिल कम क़ीमत पर लेना पड़ते हैं

इससे अच्छा था तू इश्क़ का कारोबार नहीं करता

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मुझ से मिलता है पर जिस्म की सरहद पार नहीं करता — Tehzeeb Hafi • ShayariPage