Shayari Page
GHAZAL

क्या खबर उस रौशनी में और क्या क्या रोशन हुआ

क्या खबर उस रौशनी में और क्या क्या रोशन हुआ

जब वो इन हाथों से पहली बार रोशन रोशन हुआ

वो मेरे सीने से लग कर जिसको रोइ वो कौन था

किसके बुझने पर आज मै उसकी जगह रोशन हुआ

तेरे अपने तेरी किरणो को तरसते हैं यहाँ

तू ये किन गलियों में किन लोगो में जा रोशन हुआ

अब उस ज़ालिम से इस कसरत से तौफे आ रहे हैं

की हम घर में नई अलमारियां बनवा रहे हैं

हमे मिलना तो इन आवादियों से दूर मिलना

उसे कहना गए वक्तों में हम दरिया रहे हैं

बिछड़ जाने का सोचा तो नहीं था हमने लेकिन

तुझे खुश रखने की कोसिस में दुःख पंहुचा रहे हैं

Comments

Loading comments…