हम तुम्हारे ग़म से बाहर आ गए
हम तुम्हारे ग़म से बाहर आ गए
हिज्र से बचने के मंतर आ गए
मैं ने तुम को अंदर आने का कहा
तुम तो मेरे दिल के अंदर आ गए
एक ही औरत को दुनिया मानकर
इतना घुमा हूँ कि चक्कर आ गए
इम्तिहान-ए-इश्क़ मुश्किल था मगर
नक़्ल कर के अच्छे नंबर आ गए
तेरे कुछ आशिक़ तो गंगाराम हैं
और जो बाक़ी थे बिस्तर आ गए