GHAZAL•
गले तो लगना है उससे कहो अभी लग जाए
By Tehzeeb Hafi
गले तो लगना है उससे कहो अभी लग जाए
यही न हो मेरा उसके बग़ैर जी लग जाए
मैं आ रहा हूँ तेरे पास ये न हो कि कहीं
तेरा मज़ाक़ हो और मेरी ज़िंदगी लग जाए
अगर कोई तेरी रफ़्तार मापने निकले
दिमाग़ क्या है जहानों की रौशनी लग जाए
तू हाथ उठा नहीं सकता तो मेरा हाथ पकड़
तुझे दुआ नहीं लगती तो शायरी लग जाए
पता करूँगा अँधेरे में किस से मिलता है
और इस अमल में मुझे चाहे आग भी लग जाए
हमारे हाथ ही जलते रहेंगे सिगरेट से?
कभी तुम्हारे भी कपड़ों पे इस्त्री लग जाए
हर एक बात का मतलब निकालने वालों
तुम्हारे नाम के आगे न मतलबी लग जाए
क्लासरूम हो या हश्र कैसे मुमकिन है
हमारे होते तेरी ग़ैर-हाज़िरी लग जाए
मैं पिछले बीस बरस से तेरी गिरफ़्त में हूँ
के इतने देर में तो कोई आई. जी. लग जाए