GHAZAL•
अब उस जानिब से इस कसरत से तोहफे आ रहे हैं
By Tehzeeb Hafi
अब उस जानिब से इस कसरत से तोहफे आ रहे हैं
के घर में हम नई अलमारियाँ बनवा रहे हैं।
हमे मिलना तो इन आबादियों से दूर मिलना
उससे कहना गए वक्तू में हम दरिया रहे हैं।
तुझे किस किस जगह पर अपने अंदर से निकालें
हम इस तस्वीर में भी तूझसे मिल के आ रहे हैं।
हजारों लोग उसको चाहते होंगे हमें क्या
के हम उस गीत में से अपना हिस्सा गा रहे हैं।
बुरे मौसम की कोई हद नहीं तहजीब हाफी
फिजा आई है और पिंजरों में पर मुरझा रहे हैं।