SHER•
हमीं तक रह गया क़िस्सा हमारा
By Shariq Kaifi
हमीं तक रह गया क़िस्सा हमारा
किसी ने ख़त नहीं खोला हमारा
मुआफ़ी और इतनी सी ख़ता पर
सज़ा से काम चल जाता हमारा
हमीं तक रह गया क़िस्सा हमारा
किसी ने ख़त नहीं खोला हमारा
मुआफ़ी और इतनी सी ख़ता पर
सज़ा से काम चल जाता हमारा