हमीं तक रह गया क़िस्सा हमारा Shariq Kaifi@shariq-kaifiहमीं तक रह गया क़िस्सा हमारा किसी ने ख़त नहीं खोला हमारा मुआफ़ी और इतनी सी ख़ता पर सज़ा से काम चल जाता हमारा