SHER•
ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर
By Shakeel Azmi
ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर
बारिशें हों तो भीग जाया कर
काम ले कुछ हसीन होठों से
बातों बातों में मुस्कुराया कर
ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर
बारिशें हों तो भीग जाया कर
काम ले कुछ हसीन होठों से
बातों बातों में मुस्कुराया कर