GHAZAL•
मैं भी तुम जैसा हूँ अपने से जुदा मत समझो
By Shakeel Azmi
मैं भी तुम जैसा हूँ अपने से जुदा मत समझो
आदमी ही मुझे रहने दो ख़ुदा मत समझो
ये जो मैं होश में रहता नहीं तुमसे मिल कर
ये मिरा इश्क़ है तुम इसको नशा मत समझो
रास आता नहीं सबको ये मोहब्बत का मरज़
मेरी बीमारी को तुम अपनी दवा मत समझो