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जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना

जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना

तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई नई है

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जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना — Shabeena Adeeb • ShayariPage