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ज़ख़्म दिल पर हज़ार करता है

ज़ख़्म दिल पर हज़ार करता है

और कहता है प्यार करता है

दर्द दिल में उतर गया कैसे

कोई अपना ही वार करता है

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ज़ख़्म दिल पर हज़ार करता है — Santosh S Singh • ShayariPage