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GHAZAL

दर्द ईजाद कर रहा हूँ मैं

दर्द ईजाद कर रहा हूँ मैं

हाँ तुझे याद कर रहा हूँ मैं

जिस्म की जान से नहीं बनती

ख़ुद को आज़ाद कर रहा हूँ मैं

उसका वादा है आज आने का

वक़्त बर्बाद कर रहा हूँ मैं

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