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SHER

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा

इस रात की तक़दीर सँवर जाए तो अच्छा

जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी है

बाक़ी भी उसी तरह गुज़र जाए तो अच्छा

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