ये ज़मीं किस क़दर सजाई गई

ये ज़मीं किस क़दर सजाई गई

ज़िंदगी की तड़प बढ़ाई गई

आईने से बिगड़ के बैठ गए

जिन की सूरत जिन्हें दिखाई गई