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रंग और नस्ल ज़ात और मज़हब जो भी है आदमी से कमतर है

रंग और नस्ल ज़ात और मज़हब जो भी है आदमी से कमतर है

इस हक़ीक़त को तुम भी मेरी तरह मान जाओ तो कोई बात बने

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