SHER•11/5/2020माना कि इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सकेBy Sahir LudhianviLikeShareReportHindiEnglishमाना कि इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सके कुछ ख़ार कम तो कर गए गुज़रे जिधर से हम