SHER•3/8/2021लोग औरत को फ़क़त जिस्म समझ लेते हैंBy Sahir LudhianviLikeShareReportHindiEnglishलोग औरत को फ़क़त जिस्म समझ लेते हैं रुह भी होती है उस में ये कहाँ सोचते हैं