SHER•11/3/2020हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठेंBy Sahir LudhianviLikeShareReportHindiEnglishहज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठेंवो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं