फ़क़ीर-ए-शहर के तन पर लिबास बाक़ी हैSahir Ludhianvi@sahir-ludhianviफ़क़ीर-ए-शहर के तन पर लिबास बाक़ी हैअमीर-ए-शहर के अरमाँ अभी कहाँ निकले