अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ ख़ल्वत में

अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ ख़ल्वत में

कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैं ने