तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा कर के

तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा कर के

दिल के बाज़ार में बैठे हैं ख़सारा कर के

आसमानों की तरफ़ फेंक दिया है मैं ने

चंद मिट्टी के चराग़ों को सितारा कर के