SHER•8/18/2020रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैंBy Rahat IndoriLikeShareReportHindiEnglishरोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है