Shayari Page
SHER

रास्ते में फिर वही पैरों का चक्कर आ गया

रास्ते में फिर वही पैरों का चक्कर आ गया

जनवरी गुज़रा नहीं था और दिसंबर आ गया

Comments

Loading comments…
रास्ते में फिर वही पैरों का चक्कर आ गया — Rahat Indori • ShayariPage