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ऐ वतन इक रोज़ तेरी ख़ाक में खो जाएँगे सो जाएँगे

ऐ वतन इक रोज़ तेरी ख़ाक में खो जाएँगे सो जाएँगे

मर के भी रिश्ता नहीं छूटेगा हिंदुस्तान से ईमान से

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