ज़बाँ तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे
ज़बाँ तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे
मैं कितनी बार लुटा हूँ मुझे हिसाब तो दे
तेरे बदन की लिखावट में है उतार चढ़ाव
मैं तुझे कैसे पढूँगा मुझे किताब तो दे
तेरा सवाल है साक़ी कि ज़िंदगी क्या है?
जवाब देता हूँ पहले मुझे शराब तो दे