अब जो बाज़ार में रखे हैं तो हैरत क्या है
अब जो बाज़ार में रखे हैं तो हैरत क्या है
जो भी देखेगा वो पूछेगा के क़ीमत क्या है
रोज़ इन ताज़ा कसीदों की ज़रूरत ही नहीं
आप तो इतना बता दें की ज़रूरत क्या है
ये जो मंदी का ज़माना है गुज़र जाने दे
फिर पता तुझको चलेगा मेरी कीमत क्या है