"लेकिन प्रोड्यूसर्स ही बेवक़ूफ़ निकले"

"लेकिन प्रोड्यूसर्स ही बेवक़ूफ़ निकले"

रात है नशे में... चाँद थामे बोतल

ये ही पल है अपने... इनको जी ले दो पल

ये खारे-मीठे सपने... ये ज़िंदगी का टोटल

बोतल के... दो पल... हैं टोटल

मसख़रा समाँ है... बेवड़ा जहाँ है

ज़िंदगी का पहिया... साला घिस रहा यहाँ है

जिस दुकाँ पे दिल है... साली वो दुकाँ कहाँ है

यहाँ की... दुकाँ वो... कहाँ है

रात है नशे में... चाँद थामे बोतल

ये रात... कह रही है... हमसे चल पड़ो

कोई... मिला... तो रुक के पूछ लेंगे भई हलो

ख़ैरियत तो है

या कुछ मलाल है

आदमी का आजकल

कैसा हाल है...

कभी मिले तो बोलना... कि हम भी ठीक-ठाक हैं

आदमी का क्या है... वो ठीकइच होगा

टुटेला-सा फुटेला... सड़क के बीच होगा

उसको है पकड़नी... साली पाँच दो की लोकल

लोकल से... होटल से... लोकल

रात है नशे में... चाँद थामे बोतल