कमाल-ए-ज़ब्त को ख़ुद भी तो आज़माऊँगीParveen Shakir@parveen-shakirकमाल-ए-ज़ब्त को ख़ुद भी तो आज़माऊँगीमैं अपने हाथ से उस की दुल्हन सजाऊँगी