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हम तो समझे थे कि इक ज़ख़्म है भर जाएगा

हम तो समझे थे कि इक ज़ख़्म है भर जाएगा

क्या ख़बर थी कि रग-ए-जाँ में उतर जाएगा

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हम तो समझे थे कि इक ज़ख़्म है भर जाएगा — Parveen Shakir • ShayariPage