अभी से मेरे रफ़ूगर के हाथ थकने लगे
अभी से मेरे रफ़ूगर के हाथ थकने लगे
अभी तो चाक मिरे ज़ख़्म के सिले भी नहीं
ख़फ़ा अगरचे हमेशा हुए मगर अब के
वो बरहमी है कि हम से उन्हें गिले भी नहीं
अभी से मेरे रफ़ूगर के हाथ थकने लगे
अभी तो चाक मिरे ज़ख़्म के सिले भी नहीं
ख़फ़ा अगरचे हमेशा हुए मगर अब के
वो बरहमी है कि हम से उन्हें गिले भी नहीं