Shayari Page
SHER

हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी

हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी

जिस को भी देखना हो कई बार देखना

Comments

Loading comments…
हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी — Nida Fazli • ShayariPage