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दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता

दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता

दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए

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दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता — Nida Fazli • ShayariPage