SHER•11/3/2020दिन सलीक़े से उगा रात ठिकाने से रहीBy Nida FazliLikeShareReportHindiEnglishदिन सलीक़े से उगा रात ठिकाने से रही दोस्ती अपनी भी कुछ रोज़ ज़माने से रही