Shayari Page
NAZM

"रुख़्सत होते वक़्त"

"रुख़्सत होते वक़्त"

रुख़्सत होते वक़्त

उस ने कुछ नहीं कहा

लेकिन एयरपोर्ट पर अटैची खोलते हुए

मैं ने देखा

मेरे कपड़े के नीचे

उस ने

अपने दोनों बच्चों की तस्वीर छुपा दी है

तअज्जुब है

छोटी बहन हो कर भी

उस ने मुझे माँ की तरह दुआ दी है

Comments

Loading comments…
"रुख़्सत होते वक़्त" — Nida Fazli • ShayariPage