"नींद पूरे बिस्तर में नहीं होती"
"नींद पूरे बिस्तर में नहीं होती"
नींद पूरे बिस्तर में नहीं होती
वो पलंग के एक कोने में
दाएँ
या बाएँ
कसी मख़्सूस तकिए की
तोड़-मोड़ में छुपी होती है
जब तकिए और गर्दन में
समझौता हो जाता है
तो आदमी चैन से
सो जाता है
"नींद पूरे बिस्तर में नहीं होती"
नींद पूरे बिस्तर में नहीं होती
वो पलंग के एक कोने में
दाएँ
या बाएँ
कसी मख़्सूस तकिए की
तोड़-मोड़ में छुपी होती है
जब तकिए और गर्दन में
समझौता हो जाता है
तो आदमी चैन से
सो जाता है