Shayari Page
NAZM

"एक कहानी"

"एक कहानी"

तुम ने

शायद किसी रिसाले में

कोई अफ़्साना पढ़ लिया होगा

खो गई होगी रूप की रानी

इश्क़ ने ज़हर खा लिया होगा

तुम अकेली खड़ी हुई होगी

सर से आँचल ढलक रहा होगा

या पड़ोसन के फूल से रुख़ पर

कोई धब्बा चमक रहा होगा

काम में होंगे सारे घर वाले

रेडियो गुनगुना रहा होगा

तुम पे नश्शा सा छा गया होगा

मुझ को विश्वाश है कि अब तुम भी

शाम को खिड़की खोल देने पर

अपनी लड़की को टोकती होगी

गीत गाने से रोकती होगी

Comments

Loading comments…
"एक कहानी" — Nida Fazli • ShayariPage