जिसे देखते ही ख़ुमारी लगे

जिसे देखते ही ख़ुमारी लगे

उसे उम्र सारी हमारी लगे


उजाला सा है उस के चारों तरफ़

वो नाज़ुक बदन पाँव भारी लगे


वो ससुराल से आई है माइके

उसे जितना देखो वो प्यारी लगे


हसीन सूरतें और भी हैं मगर

वो सब सैकड़ों में हज़ारी लगे


चलो इस तरह से सजाएँ उसे

ये दुनिया हमारी तुम्हारी लगे


उसे देखना शेर-गोई का फ़न

उसे सोचना दीन-दारी लगे