Shayari Page
GHAZAL

आनी जानी हर मोहब्बत है चलो यूँ ही सही

आनी जानी हर मोहब्बत है चलो यूँ ही सही

जब तलक है ख़ूबसूरत है चलो यूँ ही सही

हम कहाँ के देवता हैं बेवफ़ा वो हैं तो क्या

घर में कोई घर की ज़ीनत है चलो यूँ ही सही

वो नहीं तो कोई तो होगा कहीं उस की तरह

जिस्म में जब तक हरारत है चलो यूँ ही सही

मैले हो जाते हैं रिश्ते भी लिबासों की तरह

दोस्ती हर दिन की मेहनत है चलो यूँ ही सही

भूल थी अपनी फ़रिश्ता आदमी में ढूँडना

आदमी में आदमिय्यत है चलो यूँ ही सही

जैसी होनी चाहिए थी वैसी तो दुनिया नहीं

दुनिया-दारी भी ज़रूरत है चलो यूँ ही सही

Comments

Loading comments…
आनी जानी हर मोहब्बत है चलो यूँ ही सही — Nida Fazli • ShayariPage