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ख़ाक हुआ तो वजूद फिर से मिट्टी के साथ बाँधा गया

ख़ाक हुआ तो वजूद फिर से मिट्टी के साथ बाँधा गया

मैं वो बदनसीब पत्थर था जो चिट्ठी के साथ बाँधा गया

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ख़ाक हुआ तो वजूद फिर से मिट्टी के साथ बाँधा गया — Murli Dhakad • ShayariPage