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SHER

बताता हूँ राह राहगीरों को अब

बताता हूँ राह राहगीरों को अब

राह में ही कहीं खो गया हूँ मैं

मेरे हाथ पे किसी ने गुलाब क्या रखा

खुशबू खुशबू हो गया हूँ मैं

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बताता हूँ राह राहगीरों को अब — Murli Dhakad • ShayariPage