जितना गुमान से जुल्फों को सँवारा गया

जितना गुमान से जुल्फों को सँवारा गया

उतना इमान से ये बेसहारा गया

आपके हाथ में पत्थर क्यों नहीं है

आपकी तरफ भी तो इशारा गया

आपको तो सौ खून माफ थे

आपसे ये बेचारा न मारा गया

आदमी जंगल में था तो ठीक था

शहर में बसा कि मारा गया

लहू लहू में फर्क नहीं है

आपके क़त्ल पे मैं भी मारा गया