ये कैसा नश्शा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ Muneer Niyazi@muneer-niyaziये कैसा नश्शा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ तू आ के जा भी चुका है मैं इंतिज़ार में हूँ