वह चाहे मजनूँ हो, फ़रहाद हो कि राँझा होMunawwar Rana@munawwar-ranaवह चाहे मजनूँ हो, फ़रहाद हो कि राँझा होहर एक शख़्स मेरा हम सबक़ निकलता है