SHER•5/6/2022मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दींBy Munawwar RanaLikeShareReportHindiEnglishमैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दींसिर्फ़ इक काग़ज़ पे लिक्खा लफ़्ज़-ए-माँ रहने दिया