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हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है

हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है

हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है

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हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है — Munawwar Rana • ShayariPage