Shayari Page
GHAZAL

मुख़्तसर होते हुए भी ज़िंदगी बढ़ जाएगी

मुख़्तसर होते हुए भी ज़िंदगी बढ़ जाएगी

माँ की आँखें चूम लीजे रौशनी बढ़ जाएगी

मौत का आना तो तय है मौत आएगी मगर

आप के आने से थोड़ी ज़िंदगी बढ़ जाएगी

इतनी चाहत से न देखा कीजिए महफ़िल में आप

शहर वालों से हमारी दुश्मनी बढ़ जाएगी

आप के हँसने से ख़तरा और भी बढ़ जाएगा

इस तरह तो और आँखों की नमी बढ़ जाएगी

बेवफ़ाई खेल का हिस्सा है जाने दे इसे

तज़्किरा उस से न कर शर्मिंदगी बढ़ जाएगी

Comments

Loading comments…