SHER•11/17/2021ज़िंदगी अपनी जब इस शक्ल से गुज़री 'ग़ालिब'By Mirza GhalibLikeShareReportHindiEnglishज़िंदगी अपनी जब इस शक्ल से गुज़री 'ग़ालिब' हम भी क्या याद करेंगे कि ख़ुदा रखते थे