ता-क़यामत शब-ए-फ़ुर्क़त में गुज़र जाएगी उम्र

ता-क़यामत शब-ए-फ़ुर्क़त में गुज़र जाएगी उम्र

सात दिन हम पे भी भारी हैं सहर होने तक