रेख़्ते के तुम्हीं उस्ताद नहीं हो 'ग़ालिब' Mirza Ghalib@mirza-ghalibरेख़्ते के तुम्हीं उस्ताद नहीं हो 'ग़ालिब' कहते हैं अगले ज़माने में कोई 'मीर' भी था