न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता Mirza Ghalib@mirza-ghalibन था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता